भारत सहित पूरी दुनिया कोरोना वायरस (Corona_COVID-19) की समस्या से जूझ रही है और प्रोडक्शन से लेकर वाहनों की बिक्री में कमी आई है। इधर सरकार ने देश में ल़ॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया है, लेकिन इस बीच थोड़ी ढ़ील दी गई है और हाल ही में गुरूग्राम प्रशासन ने मारूति सुजुकी (Maruti Suzuki) को वाहनों के प्रोडक्शन की अनुमति दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक गुरूग्राम प्रशासन ने मारूति सुजुकी (Maruti Suzuki) को उसके गुरूग्राम प्लांट में प्रोडक्शन करने की अनुमति दे दी है, लेकिन कंपनी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने स्पष्ट किया है कि जब तक सभी वेंडर कंपनियों का कार्य शुरू नहीं हो जाता तब तक कंपनी में प्रोडक्शन नहीं होगा।
सिंगल शिफ्ट में मिली है अनुमति
बता दें कि गुरूग्राम प्रशासन ने कहा है कि मारुति सुजुकी अब सिंगल शिफ्ट में प्रोडक्शन शुरू कर सकती है। इसके साथ ही कंपनी 50 वाहन चला सकती है, लेकिन देखा जाए तो यह इतना आसान भी नहीं है। कंपनी अपने वेंडर की तैयारी को देख रही है और भार्गव ने स्पष्ट बात कही है। ऐसे में कंपनी कब उत्पादन शुरू करेगी? इसे लेकर कुछ दिन तक और इंतजार करना होगा।
संबंधित खबरः कोरोनाः Automobile उद्योग के लिए बड़ी अपडेट, 3 मई तक नहीं होगा प्रोडक्शन
कंपनी अपने प्लांट में सभी सेफ्टी स्टैंडर्ड का पालन कर रही है और हाल ही में कंपनी ने प्लांट में डिसइंफेक्टिंग टनल लगाये है ताकि कर्मचारियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा सके व कोरोना वायरस को फैलने से बचाया जा सके। कंपनी इस संकटकाल में बढ़चढ़ कर लोगों की मदद भी कर रही है और प्लांट के किचन में फ़ूड पैकेट बनाकर लोगों को बांट रही है।
उद्योग को हर रोज 23,00 करोड़ का नुकसान
इतना ही नहीं मारूति सुजुकी (Maruti Suzuki) साथ ही आस पास के क्षेत्र में रहने वालों को मदद मुहैया करा रही है। कंपनी गाँव गाँव जाकर सुखा राशन, वाटर एटीएम आदि उपलब्ध करा रही है और वेंटिलेटर के भी निर्माण की बात कही है और आने वाले दिनों में उसे शुरू भी कर सकती है।
संबंधित खबरः कोरोना: देश का सबसे बड़ा Automobile Hub गुरूग्राम खौफ से हुआ वीरान
बता दे कि पिछले दिनों ऑटोमोबाइल निर्माताओं के संगठन सियाम (SIAM) की ओर से जारी किए गए बिक्री और प्रोडक्शन के आकड़ों में कमी आई है और हर दिन 23,00 करोड़ रूपए के नुकसान का अंदेशा है। एक ओर बिक्री में जहां भारी कमी आई है वहीं 28 सालों में सबसे कम प्रोडक्शन होने की बात कही जा रही है। उद्योग को लाकडाउन से उभरने में कम से कम एक साल से भी ज्यादा समय लगने की बात कही जा रही है।