लक्जरी कार निर्माता ऑडी इस वक्त भारत में कम सेल्स की मार से जूझ रही है। कंपनी का मानना है कि कम बिक्री ऑटोमोबाइल मार्केट, कमजोर प्रोडक्ट पोर्टफोलियो और बढ़ते कंपटिशन की वजह से हैं। लिहाजा अब यह जर्मन लक्ज़री ब्रांड साल 2022 तक भारत में अपने वॉल्यूम के पुनर्निर्माण की रणनीति बना रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में ऑडी ने सेल्स के मामले में लगातार चार सालों से गिरावट का सामना कर रही है। कंपनी ने इस साल भारतीय मार्केट में केवल 5,000 यूनिट की सेल्स की है, जो कि 27 प्रतिशत तक गिरावट है, जबकि पिछले साल इस वक्त यह संख्या 6,463 यूनिट तक थी।
डीजल कारों का प्रोडक्शन होगा बंद
साल 2013 में पहली बार सेल्स के आकड़ों को पांच अंकों की सेल्स दर्ज की थी। कंपनी ने अप्रैल 2020 के बाद डीजल कारों को बंद करने का फैसला किया है। इसकी कुछ एंट्री-लेवल कारें - A3, Q3 और Q5 - पहले से ही लोकल रूप से प्रोड्यूज होना बंद हो गई हैं।
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ऑडी के CEO राहिल अंसारी ने व्यापार के लिए अगले दो साल बहुत कठिन होंगे। कंपनी ने 2022 तक वॉल्यूम गेम को वापस पाने के लिए इंडियन ऑपरेशन के लिए प्रमुख बलबीर सिंह ढिल्लन के साथ एक रोडमैप रखा है, हमारी आने वाली कारें अब ग्राहकों में उत्साह पैदा करने वाली होंगी।
लॉन्च होंगी कई नई कारें
बता दें कि नई A6 सितंबर में और A8 और Q8 दिसंबर में भारत में लॉन्च होने जा रही है। कंपनी अगले साल अपनी नई इलेक्ट्रिक कार ई-ट्रॉन लॉन्च करेगी। हालांकि एंट्री सेगमेंट में A3 और Q3 में से A3 के बीएस-6 एडिशन को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन Q3 और Q5 बीएस-6 में अपडेट होने की पूरी संभावना है।
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कंपनी उपर्युक्त कारों को लोकल असेंबल के लिए बीएस-6 पर विचार कर रही है। CBU अवतार में Q2 को जोड़ने पर भी विचार किया जा सकता है। अंसारी ने कहा कि ऑडी के डेवलपमेंट का स्टेज 2022 से शुरू होगा और तब तक, यह पेट्रोल और हाइब्रिड कारों पर दीर्घकालिक ध्यान देने के साथ, वॉल्यूम को बढ़ावा देने का कार्य करेगी।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
एक्सपर्ट का कहना है कि शीर्ष प्रबंधन में लगातार बदलाव ने कई अंतरराष्ट्रीय कार ब्रांडों को चोट पहुंचाई है, और अंसारी का वैश्विक भूमिका में स्थानांतरण ब्रांड के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हुआ है।
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ढिल्लन की नियुक्ति Audi की निरंतरता सुनिश्चित करेगी, क्योंकि वह पहले से ही नेतृत्व टीम का एक हिस्सा रहे हैं। उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि भारत के मुख्यालय से फोकस की कमी से घरेलू बाजार में ब्रांड ऑडी को नुकसान पहुंचा है।