अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो भविष्य में Motor Insurance के 75 हजार रुपये तक के दावों पर नुकसान के मूल्यांकन के लिए किसी सर्वेयर की जरूरत नहीं पड़ेगी। दरअसल हाल ही में भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने इंश्योरेंस सर्वेयर्स एंड लॉस असेसर्स रेगुलेशन में संशोधन का प्रस्ताव को पेश किया है और संबंधित पक्षों से 21 नवंबर, 2019 तक अपनी सुझाव देने को कहा है।
ऐसे में.यह सर्कुलर अगर लागू हो जाता है तो कस्टमर्स के लिए बीमा दावे के निस्तारण में लगने वाला समय कम हो जाएगा। फिलाहाल 50 हजार रुपये से ऊपर के मोटर बीमा और एक लाख रुपये से ज्यादा के अन्य दावों के लिए बीमा सर्वेयर और लॉस एसेसर्स की सेवाएं लेना जरूरी है।
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स तरह जब दावे समीक्षा और रिपोर्ट जमा करने के लिए 30 दिन मिलते हैं, जिसके कारण निस्तारण में देरी होती है, क्योंकि बीमा कंपनी रिपोर्ट की समीक्षा के बाद ही कोई फैसला लेती है, लेकिन अब इरडा की नई सिफारिशों को मान लिया जाता है तो मोटर बीमा के लिए 75 हजार रुपये और गैर मोटर बीमा के मामलों में 1.50 लाख रुपये तक दावा ग्राहक कर सकता है।
कई बार बढ़ाई गई सीमा
इसके पहले बीमा अधिनियम, 1938 में सामान्य बीमा नीति के अंतर्गत 20 हजार रुपये से ज्यादा के नुकसान के निस्तारण के लिए लाइसेंसधारक सर्वेयर और लॉस एसेसर्स के इस्तेमाल को जरूरी बताया गया है। बाद में महंगाई के कारण गैर जीवन बीमा पॉलिसीज में नुकसान के दावों के बढ़ने के कारण इस सीमा को बढ़ा दिया गया।
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इसके अलावा बीमा नियामक ने सर्वेयर और लॉस एसेसर्स की लाइसेंसिंग के लिए प्रक्रिया को आसान भी बना दिया है। इरडा के अन्य प्रस्तावों में मौजूदा लाइसेंस धारक या प्रशिक्षु के तौर पर रजिस्टर्ड कोई भी व्यक्ति और जरूरी परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले व्यक्ति को अब कोई लाइसेंसिंग-पूर्व परीक्षा नहीं देनी होगी।
नई तकनीक का लिया जा रहा है हेल्प
बीमा कंपनियां इन दिनों निस्तारण के लिए वीडियो का भी सहारा ले रही हैं। ग्राहक खुद मोबाइल फोन के जरिए नुकसान का वीडियो बनाकर बीमा कंपनियों को भेज रही हैं। कई कंपनियों ने दावे का निपटारा करने के लिए सर्विस सेंटर्स के साथ टाई-अप किया है, जिसमें आईसीआईसीआई लोम्बार्ड, बजाज आलियांज जैसी वित्तिय कंपनिया गैराज रसीद या मोबाइल वीडियो जैसे प्रमाण को स्वीकार कर लेती हैं।