अप्रैल-दिसंबर के बीच में पैसेंजर व्हीकल के एक्सपोर्ट में करीब 6 फीसदी की वृद्धि हुई है, जिसे Hyundai और Ford ने लीड किया है। आकड़ों के मुताबिक हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (HMIL) ने लगभग 1.45 लाख यूनिट के डिस्पैच के साथ सेगमेंट में सबसे आगे रही है, जबकि दूसरे स्थान पर Ford India और Maruti Suzuki India (MSI) तीसरे स्थान पर रही।
सियाम के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-दिसंबर अवधि में पीवी एक्सपोर्ट 5,40,384 इकाई रहा, जबकि 2018-19 की समान अवधि में यह 5,10,305 यूनिट ही था। इस दौरान कार शिपमेंट में करीब 4,04,552 यूनिट के साथ 4.44 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
यूटिलिटी व्हीकल
इसके विपरीत यूटिलिटी व्हीकल के एक्सपोर्ट में 1,33,511 यूनिट के साथ 11.14 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। हालांकि इसी दौर में वैन ने 2,321 यूनिट के निर्यात के साथ 17.4 प्रतिशत की गिरावट देखी, जबकि पिछले वित्त वर्ष के इसी दौर में यह संख्या 2,810 यूनिट था।
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दक्षिण कोरियाई वाहन निर्माता ने विदेशी बाजारों में 1,44,982 यूनिट को एक्सपोर्ट किया, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 15.17 प्रतिशत थी। इस तरह हुंडई ने एक्सपोर्ट मार्केट में करीब 26.8 प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी हासिल की। कंपनी अपने वाहनों को अफ्रीका, मध्य पूर्व, लैटिन अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और एशिया प्रशांत में 90 से अधिक देशों में वाहनों का निर्यात करती है।
फोर्ड इंडिया और मारूति
फोर्ड इंडिया का विदेशी डिस्पैच अप्रैल-दिसंबर की अवधि में 1,06,084 यूनिट रहा, जो एक साल पहले की अवधि से 12.57 फीसदी कम है। दूसरी ओर, घरेलू कार बाजार की अग्रणी मारूति सुजुकी ने वैश्विक बाजारों में 75,948 यूनिट को एक्सपोर्ट किया, जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 1.7 प्रतिशत कम है।
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निसान मोटर इंडिया ने इस अवधि के दौरान 60,739 यूनिट भेजी, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 39.97 प्रतिशत थी। इसी तरह, जनरल मोटर्स इंडिया, जिसने घरेलू बाजार में वाहनों की बिक्री बंद कर दी है, ने इस दौरान 54,863 यूनिट भेजा।
अन्य निर्माता
इसके अलावा फॉक्सवैगन इंडिया ने अप्रैल-दिसंबर में 47,021 यूनिट, किआ मोटर्स इंडिया ने 12,496 यूनिट, रेनो इंडिया ने 12,096 यूनिट्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा ने 10,017 यूनिट, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने 8,422 यूनिट, होंडा कार्स इंडिया ने 3,316 यूनिट, एफसीए इंडिया ने 2,391 और टाटा मोटर्स 1,842 यूनिट को एक्सपोर्ट किया।