भारतीय बाजार इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कई दिग्गज कंपनियों का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है। हालांकि भारत अभी ईवी के लिए तैयार नहीं है, लेकिन कई कंपनियां भारतीय के लिए अपनी योजनाओं को मूर्त रूप देना शुरू कर दिया है। वैसे धीरे-धीरे ही सही भारत भी इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए तैयार हो रहा है और सरकार ने साल 2030 तक यहां की सड़कों से डीजल पेट्रोल से चलने वाले वाहनों को खत्म देने पर कार्य कर रही है।
इसी कड़ी में दुनिया सबसे बड़ी ऑटो दिग्गज Tesla का भी ध्यान भारत में इलेक्ट्रिकल व्हीकल के लिए आकर्षित किया है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार टेस्ला मोटर्स लगातार भारतीय बाजार पर अपनी नज़र गड़ाए हुए है। कपनी चीन निर्मित अपनी इलेक्ट्रिक कारों को देश में इम्पोर्ट करने की योजना बना रही है।
मेक इन डिया को लेकर नहीं बन पाई थी बात
इसके पहले सरकार की मेक-इन-इंडिया योजना टेस्ला को स्थानीय विनिर्माण सुविधा स्थापित करने के लिए प्रेरित नहीं कर सकती थी, लेकिन कंपनी अभी भी बाजार में प्रवेश करने की योजना बना रही है। यह एक लंबी प्रक्रिया होगी लेकिन शुरुआत में, यूएसए में टेस्ला कई मॉडल इम्पोर्ट कर सकती है।
कंपनी अगले दो तीन सालों के अंदर भारत में 3 सेडान और वाई एसयूवी को भारत में पेश कर सकती है। हालाँकि कंपनी ने अभी इस विषय पर अपना अंतिम निर्णय नहीं लिया है, क्योंकि चीन से सीबीयू इम्पोर्ट करने का अपना ही एक ग्रूप है।
एलोन मस्क भारत के लिए क्या कहा
एलोन मस्क, सीईओ, टेस्ला, ने पहले भी एक ट्वीट करके कहा है कि भारत में रहना पसंद करेंगे, लेकिन सरकार के कुछ नियम हमारे अनुरूप नहीं हैं। कंपनी ने हाल ही में तीन में अपने मॉडल 3 ईवी के कम कीमत वाले एडिशन का आर्डर शुरू किया है। टेस्ला का शंघाई, चीन में संयंत्र 86 हेक्टेयर (210 एकड़) में अपने संयंत्र को शुरू करने पर विचार कर रहा है।
यह वर्तमान में निर्माणाधीन है और कंपनी ने इस पर $ 2 बिलियन का निवेश किया है। यह चीनी बाजार के लिए सालाना 2,50,000 ईवी इकाइयों के साथ-साथ बैटरियों का प्रोडक्शन करेगा। स्टेज 1 में, टेस्ला मॉडल 3 और टेस्ला मॉडल वाई कारों का उत्पादन करेगा। एगले स्टेज में उत्पादन दो गुना हो जाएगा, जो 5,00,000 यूनिट सालाना हो सकता है।