कोरोना वायरस (Corona_COVID-19) के कारण इन दिनों देश में लाकडाउन चल रहा है और तमाम उद्योगों के साथ ऑटोमोबाइल उद्योग भी प्रभावित हुआ है। हाल ही में तमाम कंपनियों के बिक्री के आकड़े सामने आए हैं, जहां सभी सेगमेंट में ऐतिहासिक रूप से शून्य बिक्री का आकड़ा दर्ज किया गया है और सभी संकट के दौर से गुजर रही हैं।
इस बीच देश की सबसे बड़ी दो पहिया निर्माता कंपनी बजाज ऑटो (Bajaj Auto) ने संकट से उबरने के लिए अपने कर्मचारियों के वेतन में 10 प्रतिशत की कटौती का प्रस्ताव रखा था, लेकिन अब खबर है कि कंपनी अपना यह प्रस्ताव वापस ले रही है, जिससे कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
क्या कहती है कंपनी
बजाज ऑटो (Bajaj Auto) ने एक लेटर जारी किया है, जिसमें कहा है कंपनी अप्रैल की सैलरी में कटौती करने के प्रस्तावित फैसले को वापस ले लिया है और आश्वासन दिया है कि उन्हें उनकी पूरी सैलरी दी जाएगी। बता दें कि कंपनी ने पहले कैश रिजर्व बचाने के लिए सभी स्तर के कर्मचारियों की सैलरी में 10 प्रतिशत के कटौती की बात कही थी।
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बजाज ने यह कदम कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए लागू हुए लॉकडाउन के चलते औद्योगिक गतिविधियों के बंद होने के बाद उठाया था और कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज ने भी पूरी अवधि के दौरान सैलरी नहीं लेने का फैसला किया था।
बिगड़ गया कैश फ्लो
कंपनी ने अपने लेटर में कहा है कि हमें दिमाग की जगह दिल से काम करना चाहिए और किसी भी व्यवसाय की सफलता शीर्ष से लेकर निचले स्तर तक के हर कर्मचारी पर निर्भर करती हैं। इसलिए हम अपने हर कर्मचारी का ध्यान रखेंगे और उनके हितों की अनदेखी नहीं करेंगे।
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बता दें कि लाकडाउन के कारण अप्रैल में लगभग सभी कंपनियों की बिक्री शून्य रही है और लाकडाउन की शुरूआत से ही बिक्री और प्रोडक्शन के सारे कार्य बंद हैं। इसके कारण सैलरी जैसे फिक्स्ड कॉस्ट ने ऑटोमोबाइल कंपनियों के कैश फ्लो को बिगाड़ दिया है और उन्हें कैश बचाने के लिए सैलरी में कटौती, छंटनी जैसे फैसले लेने को मजबूर होना पड़ा है।