इन दिनों देशभर में खराब प्रदुषण पर सरकारें सवालों के घेरे में हैं और दिल्ली सहित देश के कई भागों में इमरजेंसी जैसे हालात बने हुए हैं। जहां इनसे आम आदमियों को न तो राहत मिलती दिख रही है और न ही किसी प्रकार कोई रास्ता दिखाई पड़ रहा है। हां, एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जरूर चल रहा है।
इस बीच खबर आई है कि उत्तर प्रदेश में प्रदुषण फैलाने के लिए NHAI पर 6.84 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसे लेकर अधिकारियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश के आगरा में लगातार निर्माण गतिविधि के कारण भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग (NHAI) पर प्रदूषणकारी हवा के लिए 6.84 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
अधिकारियों ने एक अंग्रेजी अखबार के हवाले से कहा है कि आगरा के आसपास जहां भी निर्माण कार्य हो रहा है, वहां पानी का छिड़काव करने का भी निर्देश दिया गया है। आगरा में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी भुवन यादव ने कहा कि निर्माण गतिविधियों के माध्यम से वायु प्रदूषण फैलाने के लिए एनएचएआई पर 6.84 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
उन्होंने कहा कि आगरा नगर निगम को वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करने के लिए मशीनीकृत सफाई कार्य करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। प्रदूषण-रोधी बोर्ड ने शहर के चारों ओर ईंट भट्टों को निर्देश दिया है कि वे पुरानी तकनीक का उपयोग करके ज़ीग-ज़ैग तकनीक का उपयोग करके वायु प्रदूषण में मदद करें।
अधिकारी ने कहा कि आगरा विकास प्राधिकरण, अवास विकास और पीडब्ल्यूडी जैसी विभिन्न सरकारी एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि यदि वे निर्माण गतिविधियों को अंजाम देते हैं, तो उन्हें धूल दबाने वाली मशीन का उपयोग करना होगा।
इसके अलावा, सभी निर्माण अपशिष्ट को सही जगह पर ठिकाने लगाने के लिए बनाए गए नियमों का पालन किया जाना चाहिए। पानी का छिड़काव, ग्रीन बेल्ट स्थापित करने और कच्चे माल को कवर करने इन सब पर सही तरीके से कार्य होना चाहिए।
देखा जाए तो प्रदूषण के भले ही कई कारक बताएं जा रहे हैं, लेकिन हम वाहनों से निकलने वाले पोल्यूशन से इन्कार नहीं कर सकते हैं। इसी समस्या से निजात दिलाने के लिए सरकार इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों को बढ़ावा दे रही है और 1 अप्रैल 2020 से बीएस-6 नार्म्स लागू होने जा रहा है।