Ola-Uber के किराए में होगी तीन गुना बढ़ोत्तरी, लागू होंगे नए नियम

आने वाले दिनो में ऐप आधारिक कैब सर्विस Ola-Uber के किराए में बढोत्तरी हो सकती है। यह खबर एक ऐसे वक्त में आई है, जब वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन के ओला-उबर वाले बयान पर केन्र्द सरकार चारों तरफ घिरी हुई है। निर्मला सीतारमन ने पिछले दिनों अपने एक बयान में कहा था कि कारों की बिक्री में मंदी ओला-उबर के कारण आई है।

हाल ही में सामने आई रिपोर्ट में संभावना जताई गई है कि ओला-ऊबर से कैब के लिए तीन गुना किराए काभुगतान करना पड़ सकता है। रिपोर्ट कहा गया है केंद्र सरकार ने अधिक मांग वाली अवधि में ऊबर और ओला जैसे कैब ऐग्रिगेटर्स को बेस फेयर से तीन गुना अधिक किराया लेने की अनुमति दे दी है। इस तरह पीक आवर्स में अब आपको बेसिक फेयर से तीन गुना ज्यादा किराया चुकाना पड़ सकता है।

सर्ज प्राइसिंग की स्थिति जल्द होगी साफ

केन्द्र सरकार ने कैब इंडस्ट्री के लिए नए नियम बनाने की बात भी कही है। नए नियमों के तहत अब कैब सर्विस देने वाली कंपनियां ग्राहकों से सर्ज प्राइसिंग के तहत तीन गुना अधिक किराया ले सकती है। इसके लिए कंपनियों को नियमों का पालन करते हुए बाकी दूसरे दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।

दरअसल इस तरह की सर्विस देने वाली कंपनियों के लिए डिमांड-सप्लाई की सिचुएशन पर उसकी सर्ज प्राइसिंग जुड़ी रहती है। यह प्रस्ताव ने कंपनियों ने दिसंबर 2016 में ही रखा था और इसके तहत अब जल्द ही कैब कंपनियों के लिए पॉलिसी निर्धारित होगी। लिहाजा आने वाले दिनों में सर्ज प्राइसिंग की तस्वीर हद तक साफ हो जाएगी।

मोटर व्हीकल एक्ट के बाद मिलेगी नई पहचान

दरअसल सरकार ने हाल ही में मोटर व्हीकल एक्ट को पास किया है, जिसके बाद कैब ऐग्रिगेटर्स के लिए इन नियमों का प्रस्ताव लाया जा रहा है। इस नियम के तहत पहली बार कैब ऐग्रिगेटर्स को डिजिटल इंटरमीडियरी माना गया है।

इससे पहले इन कंपनियों को अलग से कोई पहचान नहीं दी गई थी। इसी वजह से ओला-ऊबर ग्रे जोन में काम कर रही थीं। अब नए नियम देशभर में लागू होगा, हालांकि राज्यों के पास इनमें बदलाव करने का भी अधिकार होगा।

राइड में 4 फीसदी की बढ़ोत्तरी

दूसरी ओर भारत में ओला और उबर की ग्रोथ रेट को सुस्त बताया जा रहा है, लेकिन यह भी सही है कि पिछले 6 महीनों में ओला और उबर के डेली राइड्स में सिर्फ 4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. पहले डेली राइड्स 35 लाख था जो अब करीब 36.5 लाख है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल में कहा था कि देश में ओला, उबर जैसी एग्रीगेटर टैक्सी सेवाओं की वजह से कारें बिक नहीं पा रही है। ऑटो सेक्टर ऑटो-मोबाइल इंडस्ट्री BS VI स्टैंडर्ड और मिलेनियल्स के माइंड सेट से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।

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