पैसेंजर व्हीकल और बाइक की सेल्स में दो दशकों की सबसे बड़ी गिरावट

भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग इस समय कम बिक्री और प्रोडक्शन के दौर से गुजर रहा है और अब खबर है कि पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट (खासकर) में पिछले दो दशक की सबसे बड़ी गिरावट यानि 23.56 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। इस दौरान केवल 1,333,251 यूनिट की बिक्री ही हो पाई है, जो कि पिछले छः महीनों की भी सबसे खराब बिक्री रही है।

अंग्रेजी अखबार इकोनामिक्स टाइम्स की वेबसाइट में प्रकाशित हुई खबर के हवाले से सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर(SIAM) ने कुल बिक्री के आकड़ो जारी किया है। इस आकड़े के अनुसार इस साल अप्रैल से लेकर सितंबर की छमाही में कुल बिक्री 17.08 प्रतिशत घटकर 11,736,976 यूनिट रही। यानि पिछले छः महीनों में ऑटो उद्योग में कुल 17 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई।

पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट

सितंबर महीने में पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट की बिक्री में थोड़ा सुधार हुआ और यह 223,317 यूनिट रही, इस तरह केवल सितम्बर में उद्योग ने 23.69 प्रतिशत की वृद्धि देखी, जबकि अगस्त 2019 में 41 फीसदी की गिरावट हुई थी, यह गिरावट 33.4 प्रतिशत की थी, जहां केवल 131,281 यूनिट की ही बिक्री हुई।

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हालांकि कई ऑटोमोटिव एजेंसियों को भरोसा है कि पैसेंजर व्हीकल की बिक्री अब सितम्बर की तरह ही महीने दर महीने आगे बढ़ती रहेगी। 1 अप्रैल 2019 में बीएस-6 नार्म्स लागू होने के बाद इसमें और तेजी देखी जा सकती है।

टू-व्हीलर सेगमेंट

दूसरी ओर टूव्हीलर सेगमेंट में 1,656,774 यूनिट की मासिक बिक्री के साथ 22 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, पिछले साल सितंबर 2018 में यह संख्या 2,126,445 यूनिट तक थी।

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ओवरआल आकड़ों को देखे तो मोटरसाइकिल सेगमेंट में भी पिछले छ महीनों में दो दशक के बाद सबसे बड़ी गिरावट देखी गई है। एक बात और ध्यान देने वाली है कि इस दौरान टू-व्हीलर सेगमेंट को राहत केवल ग्रामीण क्षेत्रों से ही मिली है।

कॉमर्शियल व्हीकल सेगमेंट

भारत के कॉमर्शियल व्हीकल की बिक्री में भी सितम्बर 2019 में 58,419 यूनिट के साथ 39 प्रतिशत की सबसे बड़ी गिरावट देखी गई। इस सेगमेंट में पिछले साल इसी महीनें में मिड और हैवी कॉमर्शियल व्हीकल (एम एंड एचसीवी) की बिक्री 62,105 यूनिट्स तक थी, जबकि अगस्त 2019 में केवल 39,210 यूनिट्स यूनिट ही थी।

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इस तरह कॉमर्शियल व्हीकल में अगस्त 2019 में 62 प्रतिशत की गिरावट और सितम्बर 2019 में 39 प्रतिशत की पहली गिरावट दर्ज की गई। दरअसल आर्थिक मंदी ने ट्रकों की खरीद को भी हतोत्साहित किया है। कॉर्पोरेट रेटिंग एजेंसी, ICRA के अनुसार घरेलू कॉमर्शियल उद्योग पिछले छः महीने से मांग और बिक्री की कमी जूझ रही है।

कुल आकड़ा

कुल मिलाकर अगर सितंबर 2019 की बिक्री को देखा जाए तो भले ही इसमें कुछ सुधार हुआ है, लेकिन घरेलू ऑटोमोबाइल उद्योग में इस महीने में भी 22.41 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई। सितंबर 2018 में कुल वाहनों की बिक्री जहां 2,584,062 यूनिट थी, वहीं सितम्बर 2019 में कुल वाहनों की बिक्री केवल 2,004,932 यूनिट ही रही।

[सोर्स- EconomicTimes]

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