कोरोनाः ऑटो इंडस्ट्री को लगा ऐतिहासिक झटका, नहीं बिके एक भी वाहन

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि देश में कोरोना वायरस (Corona_COVID-19) के कारण लाकडाउन की सीमा को 17 मई तक फिर बढ़ा दिया गया है, जबकि 23 मार्च से लेकर पूरा अप्रैल बंद रहा। इस बंदी का बड़ा असर ऑटोमोबाइल उद्योग पर भी पड़ा और अप्रैल महीने में एक भी बिक्री नहीं हुई। इस तरह ऑटो इंडस्ट्री के लिए साल 2020 का अप्रैल महीना जीरो सेल के लिए याद किया जाएगा और मई में भी यह स्थिति बनी रह सकती है।

रिपोर्ट के मुताबिक पिछले अप्रैल महीने में कमर्शियल सेगमेंट, पैसेंजर सेगमेंट और टू व्हीलर सेगमेंट में कोई बिक्री नहीं हुई और मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki), हुंडई (Hyundai), महिंद्रा (Mahindra), टोयोटा (Toyota), टाटा मोटर्स (Tata Motors) और एमजी (MG) जैसी बड़ी कंपनियों ने इतिहास में पहली बार शून्य यूनिट की बिक्री दर्ज की। देखा जाए तो ये कोई आश्चर्य की बात भी नहीं है, क्योंकि लॉकडाउन के कारण यह पहले से अपेक्षित था।

निर्यात से मिली थोड़ी राहत

हालांकि दूसरी ओर कंपनियों ने निर्यात पर ध्यान देने की कोशिश की और इस दौरान केवल कुछ वाहनों का निर्यात कर पाईं। हुंडई मोटर्स ने पिछले महीने चेन्नई बंदरगाह से विदेशी बाजार के लिए 1,341 यूनिट भेजे तो मारुति सुजुकी ने भी मुंद्रा बंदरगाह से 632 वाहन भेजे। इसी तरह घरेलू निर्माता महिन्द्रा ने भी 733 यूनिट भेजे।

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मारुति सुजुकी, हुंडई और महिंद्रा के विपरीत एमजी वर्तमान में घरेलू बाजार पर निर्भर है और इसलिए पिछले महीने एक भी वाहन बाहर भेजने में असमर्थ रही। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) ने कहा कि वह लॉकडाउन के कारण अप्रैल में मांग एकदम खत्म हो जाने के बाद इसे फिर से बढ़ावा देने के लिये अपने डीलरों के साथ मिलकर काम कर रही है, जबकि अप्रैल में शून्य बिक्री का आकड़ा दर्ज करने वाली एमजी मोटर इंडिया ने गुजरात के हलोल स्थित अपने संयंत्र में छोटे स्तर पर फिर से उत्पादन शुरू किया है।

बाइक और कमर्शियल व्हीकल

पैसेंजर व्हीकल की तरह दो पहिया वाहनों की बिक्री भी काफी निराशा जनक रही और होंडा (Honda) टू-व्हीलर्स ने अप्रैल महीने में सिर्फ 2630 वाहनों को किया एक्सपोर्ट किया है, जबकि डोमेस्टिक मार्केट में कंपनी की सेल जीरो रही है। इसी तरह रॉयल एनफील्ड ने भी अप्रैल में घरेलू बाजार में एक भी बाइक नहीं बेच पाई और केवल 91 यूनिट का निर्यात किया, जबकि TVS Motor की डोमेस्टिक सेल भी जीरो रही और 9640 वाहनों को एक्सपोर्ट किया।

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बाइक और कार के साथ-साथ कमर्शियल व्हीकल की स्थिति भी इसी तरह की रही और अप्रैल में एक भी बिक्री नहीं हुई है, जबकि ट्रैक्टर्स की घरेलू बिक्री 83 प्रतिशत घटकर 4,716 यूनिट रही। घरेलू निर्माता महिन्द्रा (Mahindra) ने भी अपने ट्रकों की बिक्री के आकड़े जारी कर दिए हैं और यहां भी जीरो रहा, जबकि टाटा मोटर्स (Tata Motors), अशोक लीलैंड (Ashok Leyland), आयशर (Eicher), भारतबेंज (Bharat Benz) और कमोबेश सभी ट्रक निर्माताओं के यही हालात रहे।

उद्योग को उबरने में लगेगा समय

ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट की मानें तो लाकडाउन की वजह से उद्योग को हर दिन करीब 23,00 करोड़ रूपए का नुकसान हो रहा है। इसके अलावा अनुमान है कि भारत में ऑटो उद्योग अभी कई दिनों तक संकट में रहेगा, क्योंकि लॉकडाउन को 17 मई 2020 तक आगे बढ़ा दिया गया है। बाद में जब लाकडाउन खुल जाएगा, तब भी बंदी का असर उद्योग पर देखा जाएगा और उद्योग को इससे उबरने में एक साल से भी ज्यादा का समय लगने का अनुमान है।

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