भारत सहित पूरी दुनिया कोरोना वायरस (Corona_COVID-19) से जूझ रहा है और भारत में लाकडाउन के पीरिएड को 3 मई तक बढ़ा दिया गया है। हाल ही में भारत सरकार ने एक दिशा निर्देश जारी किया, जिसमें लॉकडाउन के बावजूद 20 अप्रैल से शुरू होने वाले कामों का जिक्र है, लेकिन ऐसी उम्मीद है कि ऑटोमोबाइल (Automobile) कंपनियों को वाहनों का प्रोडक्शन नहीं करने दिया जाएगा।
रिपोर्ट के मुताबिक सरकार की ओर से शुरू होने वाले कार्यों की लिस्ट में वाहन का प्रोडक्शन शामिल नहीं है। इस तरह यह मानकर चला जा सकता है कि अब 3 मई के पहले वाहनों का प्रोडक्शन शुरू नहीं हो सकेगा। बता दें कि देश मे कार्यरत सभी प्रमुख वाहन निर्माताओं ने अपने प्रोडक्शन प्लांट में अस्थाई रूप से वाहनों को प्रोड्यूज करना बंद कर दिया है।
इन कंपनियों में बंद है प्रोडक्शन
प्रोडक्शन को बंद करने में मारुति सुजुकी इंडिया (Maruti Suzuki India), हुंडई (Hyundai), होंडा (Honda), महिंद्रा (Mahindra), टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (Toyota Kirloskar Motor), टाटा मोटर्स (Tata Motors), किआ मोटर्स (Kia Motors), अशोक लीलैंड (Ashok Leyland) और एमजी मोटर इंडिया (MG Motor India) जैसी सभी कंपनियां शामिल हैं।
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बतातें चले कि कई व्यापारिक संगठनों ने कुछ समय पहले सरकार को चिठ्ठी लिखकर लॉकडाउन के दौरान कामों को शुरू करने की मांग की थी और इकोनोमिक एक्टिविटी को बेहतर करने के लिए सिंगल शिफ्ट में शुरू करने की बात कही थी, लेकिन इसे मंजूरी नहीं मिल सकी।
बीएस4 स्टॉक बन सकता है सरदर्द
इतना ही नहीं देश में अभी भी वाहन कंपनियों के पास बीएस4 स्टॉक है, जो लाकडाउन के कारण बिक नहीं सके हैं, जिससे कंपनियों को भारी नुकसान का अंदेशा है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने पुराने आदेश को आगे नहीं बढ़ाया है और बीएस4 स्टॉक के सिर्फ 10 प्रतिशत को 10 दिन में बेचने के आदेश दिए हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में तारीख आगे बढ़ सकती है, लेकिन शर्त नहीं बदलने वाली है।
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कई कंपनियां अपने डीलरों के घाटे को कम करने के लिए बीएस4 स्टॉक को वापस मंगाने का फैसला किया है। वाहन कंपनियां अपने वाहनों को बाहरी पड़ोसी देशों में निर्यात कर सकती है। ऐसे में यह भी देखना दिलचस्प होगा सरकार क्या वित्तीय घाटे को कम करने के लिए व इकॉनमी को बेहतर करने के लिए ऑटो इंडस्ट्री को शुरू करने की इजाजत देगी?
रोज 23,00 करोड़ का नुकसान
बता दें कि पिछले दिनों भारत में वाहन निर्माताओं के सबसे बड़े संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) ने अपने एक बयान में कहा था कि कोरोना वायरस महामारी के कारण विभिन्न वाहन निर्माता और पार्ट्स निर्माताओं द्वारा विनिर्माण संयंत्रों के बंद होने से उद्योग को हर दिन 2,300 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हो रहा है।